➤ आपातकाल के दौरान जेल गए नेताओं को अब नहीं मिलेगी सम्मान राशि
➤ राष्ट्रपति ने ‘लोकतंत्र प्रहरी विधेयक’ के निरसन प्रस्ताव को दी मंजूरी
➤ सुक्खू सरकार ने कहा – लाभ विचारधारा विशेष से जुड़े लोगों को दिया जा रहा था
हिमाचल प्रदेश में आपातकाल के दौरान जेल गए नेताओं को दी जा रही सम्मान राशि अब बंद हो गई है। राष्ट्रपति ने लोकतंत्र प्रहरी विधेयक के निरसन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके बाद राज्य विधि विभाग ने शुक्रवार को राजपत्र में अधिसूचना जारी कर दी।
यह कदम सुक्खू सरकार द्वारा अप्रैल 2023 के बजट सत्र में लाए गए निरसन विधेयक के तहत उठाया गया है। इससे पहले भाजपा सरकार ने वर्ष 2021 में लोकतंत्र प्रहरी सम्मान विधेयक पारित कर, आपातकाल के दौरान जेल गए नेताओं को 12,000 से 20,000 रुपये मासिक सम्मान राशि देने का प्रावधान किया था।
इस योजना के तहत पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, पूर्व मंत्री राधारमण शास्त्री, सुरेश भारद्वाज सहित 105 नेताओं को पेंशन मिलनी शुरू भी हो गई थी। लेकिन लोकतंत्र प्रहरी विधेयक को लेकर राज्य सरकार और राजभवन के बीच बार-बार टकराव की स्थिति बनी रही।
राज्यपाल ने कई बार विधेयक को वापस भेजा, और सरकार से इसके निरसन के कारणों पर स्पष्टीकरण मांगा। सुक्खू सरकार ने विधानसभा में तर्क दिया कि यह लाभ केवल एक विचारधारा विशेष से जुड़े लोगों को दिया जा रहा था, जो समानता और निष्पक्षता के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है। अब इस प्रावधान को आधिकारिक रूप से समाप्त कर दिया गया है।



